महाबलेश्वर के प्राकृतिक वातावरण में ओशो द्वारा संचालित ध्यान शिविर के दौरान हुए प्रवचनों व प्रायोगिक ध्यान प्रयोगों का संकलन है यह पुस्तक। शरीर, विचारों और भावों की एक-एक परत से ग्रंथियों को विलीन करने की कला समझते हुए, ओशो हमें समग्र स्वास्थ्य और संतुलन की ओर लिए चलते हैं।पुस्तक के कुछ अन्य विषय-बिन्दुः- सेक्स उर्जा का सृजनात्मक उपयोग कैसे करें?- क्रोध् क्या है? क्या है उसकी शक्ति?- अहंकार को किस शक्ति में बदलें?- वैज्ञानिक युग में अध्यात्म का क्या स्थान है?"
महाबलेश्वर के प्राकृतिक वातावरण में ओशो द्वारा संचालित ध्यान शिविर के दौरान हुए प्रवचनों व प्रायोगिक ध्यान प्रयोगों का संकलन है यह पुस्तक। शरीर, विचारों और भावों की एक-एक परत से ग्रंथियों को विलीन करने की कला समझते हुए, ओशो हमें समग्र स्वास्थ्य और संतुलन की ओर लिए चलते हैं।पुस्तक के कुछ अन्य विषय-बिन्दुः- सेक्स उर्जा का सृजनात्मक उपयोग कैसे करें?- क्रोध् क्या है? क्या है उसकी शक्ति?- अहंकार को किस शक्ति में बदलें?- वैज्ञानिक युग में अध्यात्म का क्या स्थान है?"