वसीम बरेलवी की रचनायें खास व आम दोनों ही तरह के लोगों की ज़बान पर रहते हैं I इनकी इन्हीं रचनाओं का संकलन है चराग I आसान और आम फ़हम ज़बान का इस्तेमाल कर वसीम की शायरी सभी का दिल जीत लेती है I चराग में वसीम बरेलवी अपना जुड़ाव इस युग, माहौल और मिट्टी से भरपूर दर्शाते हैं I वह सिर्फ़ काल्पनिक दुनिया की बातें नहीं करते बल्कि अपने आस-पास से पूरी तरह बाख़बर रहते हैं और जदीद मौजूआत, अर्थात समकालीन समस्याओं और घटनाओं पर पूरी नज़र रखते हुए इन्हें अपनी शायरी का हिस्सा बनाते हैं I
वसीम बरेलवी की रचनायें खास व आम दोनों ही तरह के लोगों की ज़बान पर रहते हैं I इनकी इन्हीं रचनाओं का संकलन है चराग I आसान और आम फ़हम ज़बान का इस्तेमाल कर वसीम की शायरी सभी का दिल जीत लेती है I चराग में वसीम बरेलवी अपना जुड़ाव इस युग, माहौल और मिट्टी से भरपूर दर्शाते हैं I वह सिर्फ़ काल्पनिक दुनिया की बातें नहीं करते बल्कि अपने आस-पास से पूरी तरह बाख़बर रहते हैं और जदीद मौजूआत, अर्थात समकालीन समस्याओं और घटनाओं पर पूरी नज़र रखते हुए इन्हें अपनी शायरी का हिस्सा बनाते हैं I