नाराज़ राहत इंदौरी राहत की पहचान के कई हवाले हैं - वो रंगों और रेखाओं के फ़नकार भी हैं, कॉलेज में साहित्य के उस्ताद भी, मक़बूल फ़िल्मी गीतकार भी हैं और हर दिल अज़ीज़ मशहूर शायर भी I इन सबके साथ राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में इंसान की अंदरुनी और बाहरी कश्मकश के प्रत्यक्षदर्शी भी हैं I राहत की शख़्सियत के ये तमाम पहलू उनकी ग़ज़ल के द्वारा सर्वेक्षण और विश्लेषण भी है I राहत की शायरी की भाषा भी उनके विचारों की ही तरह सूफ़ीवाद का प्रतिबिंब है I प्रचारित शब्दावली और अभिव्यक्ति की प्रचलित शैली से अलग अपना रास्ता बनाने के साहस ने ही राहत के सृजन की परिधि बनाई है I निजी अवलोकन और अनुभवों पर विश्वास ही उनके शिल्प की सुंदरता और उनकी शायरी की सच्चाई है I - निदा फ़ाज़ली
नाराज़ राहत इंदौरी राहत की पहचान के कई हवाले हैं - वो रंगों और रेखाओं के फ़नकार भी हैं, कॉलेज में साहित्य के उस्ताद भी, मक़बूल फ़िल्मी गीतकार भी हैं और हर दिल अज़ीज़ मशहूर शायर भी I इन सबके साथ राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में इंसान की अंदरुनी और बाहरी कश्मकश के प्रत्यक्षदर्शी भी हैं I राहत की शख़्सियत के ये तमाम पहलू उनकी ग़ज़ल के द्वारा सर्वेक्षण और विश्लेषण भी है I राहत की शायरी की भाषा भी उनके विचारों की ही तरह सूफ़ीवाद का प्रतिबिंब है I प्रचारित शब्दावली और अभिव्यक्ति की प्रचलित शैली से अलग अपना रास्ता बनाने के साहस ने ही राहत के सृजन की परिधि बनाई है I निजी अवलोकन और अनुभवों पर विश्वास ही उनके शिल्प की सुंदरता और उनकी शायरी की सच्चाई है I - निदा फ़ाज़ली