मंगलवार को दस खरब डॉलर अर्थव्यवस्था के संबंध में श्रम एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा बैठक में ये जानकारी प्रमुख सचिव डॉ. एमके शंमुगा सुन्दरम् ने दी। बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री अनिल राजभर और मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने की। दरअसल, खतरनाक श्रेणी की इकाइयों में महिलाओं ने काम करने की इजाजत मांगी थी। अधिकांश देशों में ऐसे उद्योगों के दरवाजे महिलाओं के लिए खुले हैं, लेकिन अभी अपने देश में इसकी अनुमति नहीं है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में 26,915 कारखानें पंजीकृत हैं। मौजूदा सरकार के दो कार्यकाल के आठ साल में ही लगभग 14 हजार नए कारखाने पंजीकृत किए गए, जबकि वर्ष 2017-18 तक पिछले 70 साल में लगभग 13 हजार कारखाने ही पंजीकृत थे। वर्तमान में नए कारखाने पंजीकृत कराने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए इसके लिए श्रमिकों की संख्या की सीमा पावर सहित 20 और पावर रहित 40 से अधिक की गई है। दुकान व वाणिज्य प्रतिष्ठानों में एक बार पंजीकरण की सुविधा देकर बार- बार नवीनीकरण से मुक्त कर दिया गया है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्रतिष्ठानों के कामकाज को देखते हुए उन्हें 12 घंटे तक काम करने की अनुमति दी गई है। श्रम विभाग द्वारा जिन कारखानों का नवीनीकरण संभावित होता है, उनको एसएमएस से पहले ही सूचना दे दी जाती है।
बैठक में श्रम मंत्री अनिल राजभर ने ऑनलाइन सेवाओं, आवेदन और पंजीयन / लाइसेंस/नवीनीकरण / संशोधन की जानकारी ली। अति खतरनाक कारखानों औ...